tag:blogger.com,1999:blog-9832392.post110555960146256267..comments2020-04-23T19:13:42.497+05:30Comments on बुनो कहानी: मरीचिका: अध्याय 2 : पिचकना सपनों के गुब्बारे काdebashishhttp://www.blogger.com/profile/05581506338446555105noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-9832392.post-51782113253653855582009-08-16T04:40:29.840+05:302009-08-16T04:40:29.840+05:30maine is poori kahaani ko ek chote se chutkule mei...maine is poori kahaani ko ek chote se chutkule mein suna tha bachpan mein.<br />nahi jaanta tha ki koi aisa bhi hai jo is sadharan se chutkule mein kitne bhav daalkar ek sunder se kahani racch sakta hai.<br />aaj is blog par pahli baar aaya hoon. subah ke 4:30 hue hai... kal phir aaoonga. <br />likhte rehna mitr.Nitin Agarwalhttps://www.blogger.com/profile/14087136070119988810noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9832392.post-1121584803819664322005-07-17T12:50:00.000+05:302005-07-17T12:50:00.000+05:30कितनी अच्छी हिन्दी लिखते हैं। कभी सोचा नहीं था कि ...कितनी अच्छी हिन्दी लिखते हैं। कभी सोचा नहीं था कि इंटरनेट पर इतनी अच्छी हिंदी उपलब्ध है।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9832392.post-1106199198349363672005-01-20T11:03:00.000+05:302005-01-20T11:03:00.000+05:30देबाशीष भइया, कहानी के दूसरे भाग मे अतुल भाई के फो...देबाशीष भइया, कहानी के दूसरे भाग मे अतुल भाई के फोटो मे उनका चेहरा साफ नही दिख रहा है, जरा साफ चेहरे वाला फोटो लगाइये.Jitendra Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/09573786385391773022noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9832392.post-1105617603548470992005-01-13T17:30:00.000+05:302005-01-13T17:30:00.000+05:30अतुल भाई ने कहानी को जो सेक्सी मोड़ दिया है वह अचंभ...अतुल भाई ने कहानी को जो सेक्सी मोड़ दिया है वह अचंभित कर देता है। रवि की शर्ट और खुमारी उतरने के ऐसे किस्से को कॉलेज के समय हम लोग KLPD होना कहते थे, अगर पर्याय ना जानते हों तो माफ कीजिए कम से कम मैं खुलासा नहीं कर सकता। <br /><br />कहानी की उष्मा बनी रहे इस लिए मैंने बिना पूछे ही कुछ पैरा बना दिए, आशा है आप बुरा न मानेंगे। वैसे रवि का अपनी शिक्षिका के प्रति आकर्षण से "मैं हूँ ना" की सुश्मिता सेन याद आ गयीं। इंडिब्लॉगीज़ में ईनाम जीत चुके रवि कि कार्यस्थल से ब्लॉगिंग न कर पाने का दुःख मुझसे बेहतर कौन समझ सकता है ;)debashishhttps://www.blogger.com/profile/05581506338446555105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9832392.post-1105617465297226352005-01-13T17:27:00.000+05:302005-01-13T17:27:00.000+05:30इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.debashishhttps://www.blogger.com/profile/05581506338446555105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9832392.post-1105590512109601522005-01-13T09:58:00.000+05:302005-01-13T09:58:00.000+05:30बहुत सही मिंया, सही जा रहे हो.
कहाँ से उठाया, क्या...बहुत सही मिंया, सही जा रहे हो.<br />कहाँ से उठाया, क्या क्या सपने दिखाये,कहाँ तक उछाला और कहाँ ला पटका,<br />साम,दाम,दन्ड,भेद,ट्रेजडी,कामेडी,रोमान्स,छल,कपट,राजनीति,कूटनीति सब है यहाँ.<br />अतुल भाई की लेखिनी की यही तो खासियत है.<br /><br />अभी एक बार पढा है, एक ही सांस मे....अभी दोबारा पढूँगा.Jitendra Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/09573786385391773022noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9832392.post-1105569812912581632005-01-13T04:13:00.000+05:302005-01-13T04:13:00.000+05:30बहुत खूब अतुल मियाँ, अच्छी कहानी बुनी जा रही है लग...बहुत खूब अतुल मियाँ, अच्छी कहानी बुनी जा रही है लगता है। वैसे मुझे व्यक्तिगत तौर पर अभी तक कहानी सपाट दिख रही थी लेकिन अब लगता है कुछ हो रिया है। वैसे विभा के किरदार को जमाने में थोड़ा समय देना चाहिये था और उसकी कुछ स्वभावगत विशेषताओं को उभारा जाना चाहिये था। उसे इस तरह से सीधे सीधे एक ट्विस्ट देकर अमरीका फेंक दिया गया है लगता है। <br /><br />कहानी और रोचक बनेगी ऐसी उम्मीद आगे आने वालों से।विजय ठाकुरhttps://www.blogger.com/profile/07434149725823745952noreply@blogger.com